कोरोना की महामारी पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ रही है. इसे देखते हुए सभी देशों के केंद्रीय बैंक कदम उठा रहे हैं. फिच सोल्यूशंस को उम्मीद है कि अगले पूरे वित्तीय वर्ष यानी 2020—21 में भारतीय रिजर्व बैंक ब्याज दरों में 1.75 फीसदी की कटौती कर सकता है.
क्या कहा रेटिंग एजेंसी फिच ने
रेटिंग एजेंसी फिच सोल्यूशंस ने बुधवार को कहा कि उसे उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के दौरान प्रमुख ब्याज दरों में 1.75 प्रतिशत की कटौती कर सकता है. इससे पहले उसका अनुमान था कि ये कटौती 0.40 प्रतिशत की होगी.
इसे भी पढ़ें:अब रेटिंग एजेंसी S&P ने भी घटाया भारत का GDP ग्रोथ रेट अनुमान
क्यों किया अनुमान में बदलाव
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, फिच ने कोरोना वायरस के चलते फैली महामारी के आर्थिक असर के मद्देनजर अपने अनुमानों में बदलाव किया है. उसका अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष के दौरान भारत की जीडीपी वृद्धि दर 4.9 प्रतिशत रहेगी, जबकि 2020-21 में यह आंकड़ा 5.4 प्रतिशत तक रह सकता है.
फिच ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'फिच सोल्यूशंस में हम उम्मीद करते हैं कि वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान आरबीआई की प्रमुख नीतिगत दरों में 1.75 प्रतिशत तक की कटौती हो सकती है, जबकि पहले यह अनुमान 0.40 प्रतिशत था.' उसने महंगाई में कमी आने का अनुमान जताया है.
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण नकदी का संकट पैदा होने और उससे अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिए कमर कस लिया है. रिजर्व बैंक ने सिस्टम में अतिरिक्त 1 लाख करोड़ रुपये डालने, 2 अरब डॉलर की खरीद—बिक्री जैसे कई योजनाएं बनाई हैं.
इसे भी पढ़ें: YES Bank की हिस्सेदारी लेने से मालामाल हुए बैंक, शेयर में उछाल से निवेश हुआ 6 गुना
ब्याज दर में नहीं की कटौती
इस बात की काफी अटकलें लगाई जा रही थीं कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व और बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दर घटाने के बाद आरबीआई भी प्रमुख ब्याज दर में कटौती कर सकता है, लेकिन ब्याज दर में कटौती की संभावनाओं पर आरबीआई गवर्नर ने कहा कि इस संबंध में कोई भी फैसला मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) लेगी जो कि अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रकोप के असर के आकलन के आधार पर लिया जाएगा.